पीएम मोदी ने भारतवंशियों के बीच शांति का दो-टूक दिया संदेश, कहा- भारत बुद्ध की विरासत वाली धरती है, हम युद्ध नहीं शांति पर भरोसा करते हैं
दो दिवसीय पोलैंड पहुंचे पीएम मोदी ने भारतवंशियों को संबोधित किया। इससे पहले पोलैंड की राजधानी वॉरसा पहुंचने पर पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया। वहीं भारतवंशियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज का भारत सबके विकास की बात करता है, आज का भारत सबके साथ है, सबके हित की सोचता है। उन्होंने यूक्रेन जाने से पहले युद्धविराम और शांति का दो टूक संदेश दिया…
नईदिल्ली (ए)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोलैंड की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर पहुंच चुके हैं। पोलैंड में पीएम मोदी के आगमन को लेकर भारतीय प्रवासियों में खासा उत्साह है। बता दें कि यह 45 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली पोलैंड यात्रा है। वहीं भारतवंशियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी पोलैंड के अलग-अलग हिस्सों से आए हैं। सबकी अलग-अलग भाषाएं हैं, बोलियां हैं, खान-पान है, लेकिन आप सभी भारतीयता के भाव से जुड़े हुए हैं। आपने यहां इतना शानदार स्वागत किया है, मैं आप सभी का, पोलैंड की जनता का इस स्वागत के लिए बहुत आभारी हूं। पीएम मोदी ने शांति का दो-टूक संदेश दिया और कहा कि भारत, बुद्ध की विरासत वाली धरती है। हम युद्ध नहीं शांति पर भरोसा करते हैं। भारत इस क्षेत्र में स्थायी शांति का पैरोकार है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया कि वर्तमान युग युद्ध का नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए कहा कि भारत लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने वाला जीवंत लोकतंत्र भी है। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों का लोकतंत्र पर अटूट भरोसा है। ये भरोसा हमने हाल के चुनावों में भी देखा है। ये इतिहास का सबसे बड़ा चुनाव था। उन्होंने कहा, ‘मैंने देश की जनता को वादा किया है, मेरे तीसरे टर्म में भारत, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा।’
भारत के आर्थिक विकास और मजबूत संरचनात्मक विकास का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, नैस्कॉम का अनुमान है कि भारत अपने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण इस दशक के अंत तक आठ ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा कि दशकों तक, भारत की नीति थी कि सारे देशों से समान दूरी बनाए रखो, जबकि आज के भारत की नीति है, सारे देशों से नजदीकी बनाओ। आज का भारत सबसे जुड़ना चाहता है, आज का भारत सबके विकास की बात करता है, आज का भारत सबके साथ है, सबके हित की सोचता है। हमें गर्व है कि आज दुनिया, भारत को विश्व बंधु के रूप में सम्मान दे रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, जब पोलैंड मुश्किलों से घिरा हुआ था, जब पोलैंड की हजारों महिलाएं और बच्चे शरण के लिए जगह-जगह भटक रहे थे, तक जामनगर के महाराजा दिग्विजय सिंह रणजीत सिंह जाडेजा आगे आए। उन्होंने महिलाओं और बच्चों के लिए एक विशेष कैंप बनवाया। बकौल पीएम मोदी, जामनगर के तत्कालीन महाराज ने कैंप की महिलाओं और बच्चों से कहा था कि जैसे जामनगर के लोग मुझे बापू कहते हैं, वैसे मैं आपका भी बापू हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज ही मुझे मोंटे कसीनो मेमोरियल पर श्रद्धांजलि देने का अवसर मिला है। ये मेमोरियल हजारों भारतीय सैनिकों के बलिदान को याद दिलाता है। इस बात का प्रमाण है कि कैसे विश्व के हर कोने में भारतीयों ने अपना कर्तव्य निभाया है।
भारतवंशियों को संबोधित करने से पहले पीएम मोदी ने वारसॉ में वलीवडे-कोल्हापुर शिविर के स्मारक पर पोलिश-भारतीय विरासत को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने मोंटे कैसीनो युद्ध स्मारक के पास वलीवडे-कोल्हापुर शिविर के स्मारक पट्टिका पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसका उद्घाटन नवंबर 2017 में किया गया था।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, यह स्मारक कोल्हापुर के महान शाही परिवार को श्रद्धांजलि है। यह शाही परिवार द्वितीय विश्व युद्ध की भयावहता के कारण विस्थापित पोलिश महिलाओं और बच्चों को आश्रय देने में सबसे आगे था। महाराष्ट्र के कोल्हापुर के पास वलीवडे गांव में 5,000 से अधिक पोलिश लोग रहते थे। ये लोग एकजुट होकर अपनी मातृभूमि पर लौटने से पहले कई वर्षों तक काम करते रहे। द्वितीय विश्व युद्ध के चरम पर होने के वक्त इनमें से अधिकांश लोग पोलिश शिविरों से भागकर जमीन या समुद्र के रास्ते वहां पहुंचे थे।
बताया गया है कि पीएम मोदी ‘रेल फोर्स वन’ ट्रेन से पोलैंड से कीव की यात्रा करेंगे। इस यात्रा में लगभग 10 घंटे लगेंगे। रूस की यात्रा के लगभग छह सप्ताह बाद पीएम मोदी यूक्रेन दौरे पर जा रहे हैं। आपको बता दें कि भारत ने बातचीत और कूटनीति के माध्यम से रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान की बात की है।