छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति की सफलता हुई उजागर, नक्सलवाद छोड़कर आरक्षक बने दो पूर्व नक्सली
कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में दो पूर्व नक्सलियों की प्रेरक कहानी, राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति की सफलता को उजागर करती है। आत्मसमर्पित माओवादी दिवाकर उर्फ किशन उर्फ लिबरू कोर्राम एवं उसकी पत्नि कुमारी उर्फ लक्ष्मी देवे द्वारा शासन की आत्मसमर्पण नीति से प्रेरित होकर दिनांक 23.06.2021 को जिला कबीरधाम में आत्मसमर्पण किया था। दिवाकर उर्फ किशन उर्फ लिबरू कोर्राम पिता रूकमा कोर्राम समर्पण के पूर्व नक्सली संगठन भोरमदेव एरिया कमेटी का सचिव था। दिवाकर उर्फ किशन उर्फ लिबरू कोर्राम ग्राम हदापार, पंचायत कुदूर, थाना मर्दापाल, जिला कोण्डागांव का रहने वाला है तथा इसके परिवार में 03 भाई व 04 बहनें है। कोण्डागांव दलम के सुखराम वर्ष-2008 में गांव में आया था, जो नक्सली संगठन में जुड़ने की बात बोला तो यह चला गया। वर्ष-2010 तक कोण्डागांव दलम में, वर्ष-2010 से माढ़ नेशनल पार्क एरिया में, 02 माह सीसीएम गणपति के गार्ड के रूप में कार्य किया।
वर्ष-2010 से 2016-17 तक एसीएम के पद पर रहते हुये कार्य किया एवं वर्ष-2016-17 से डीव्हीसी के रूप में प्रमोट होकर कान्हा-भोरमदेव एरिया कमेटी में भेजा गया। वर्ष-2019 इसकी पत्नि कुमारी लक्ष्मी उर्फ देवे नक्सली संगठन भोरमदेव एरिया कमेटी की सदस्य थी। छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर इसके द्वारा दिनांक-23.06.2021 को आत्मसमर्पण किया गया।
समर्पण के पश्चात् आत्मसमर्पित नक्सली दिवाकर के निशानदेही पर दिवाकर समर्पित होने के पूर्व डीव्हीसी/सचिव भोरमदेव एरिया कमेटी जिस पर लगभग 08 लाख रूपये का शासन द्वारा ईनाम घोषित था। आत्मसमर्पित नक्सली दिवाकर उर्फ किशन उर्फ लिबरू कोर्राम के विरूद्ध कुल-16 अपराध पंजीबद्ध थे। आत्मसमर्पित नक्सली दिवाकर के निशानदेही पर दिनांक-23.06.2021 को थाना भोरमदेव क्षेत्र के बकोदा जंगल में नक्सलियों के द्वारा डम्प किये हुये नगदी रकम 10,00,000/-(दस लाख) रूपये एवं अन्य नक्सल सामग्री बरामद किया गया है।
आत्मसमर्पित माओवादी मंगलू बेको उर्फ तीजू अपनी पत्नि राजे उर्फ वनोजा के साथ छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर दिनांक 25.06.2020 को जिला बीजापुर में आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पित नक्सली मंगलू बेको उर्फ तीजू एवं उसकी पत्नि राजे येलम उर्फ वनोजा आत्मसमर्पण होने के पूर्व नक्सली संगठन विस्तार प्लाटून नंबर-03 में पार्टी सदस्य के रूप में कार्य किये है। मंगलू बेको उर्फ तीजू ग्राम केशकुतूर, थाना भैरमगढ़, जिला बीजापुर का रहने वाला है। इसके परिवार में 03 भाई व 04 बहनें है।
वर्ष-2014 में भैरमगढ़ एरिया कमेटी के लोग गांव आया करते थे। भैरमगढ़ एरिया कमेटी के सचिव चंद्रहना 05 लोगांे के साथ घर आया और बोला कि नक्सली संगठन में शामिल हो जाओ तो मंगलू बेको उर्फ तीजू नक्सल संगठन में शामिल हो गया था। वर्ष-2015 में दक्षिण गढ़चिरौली के 10 नंबर कंपनी के साथ माढ़ आया था। मार्च 2015 में पहाड़ सिंह के साथ टिपरा एरिया कमेटी के क्षेत्र में आये थे। वर्ष-2016 में 02 साल तक टाण्डा क्षेत्र में कार्य किया वहीं इसे ट्रेनिंग व हथियार दिया गया। वर्ष- 2018 में भोरमदेव एरिया कमेटी में कार्य किया।
कवर्धा एरिया कमेटी में आने के पश्चात् इसकी पत्नि राजे उर्फ वनोजा से अच्छा जान-पहचान होने के बाद सितम्बर 2019 को शादी कर लिये। छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर इसके द्वारा अपनी पत्नि राजे उर्फ वनोजा के साथ दिनांक 25.06.2020 को आत्मसमर्पण किया गया। आत्मसमर्पित माओवादी मंगलू बेको उर्फ तीजू एवं उनकी पत्नि राजे उर्फ वनोजा के ऊपर 02-02 लाख रूपये का छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ईनाम घोषित था। नक्सली मंगलू बेको उर्फ तीजू एवं उसकी पत्नि वनोजा उर्फ राजे बेको द्वारा शासन की आत्मसमर्पण नीति के बारे में समझाने पर नक्सली रनिता उर्फ हिड़मे कोवासी पति प्रेम उम्र-18 वर्ष जाति मुरिया निवासी पुलनपाड़ गोल्लापारा थाना चिंतलनार जिला-सुकमा को दिनांक 27.07.2024 को जिला कबीरधाम में आत्मसमर्पण कराया गया।
आत्मसमर्पित नक्सली रनिता एमएमसी जोनल कमेटी क्षेत्र के गोंदिया-राजनांदगांव-बालाघाट, जीआरबी डिवीजन अंतर्गत टांडा/मलाजखण्ड एरिया कमेटी सदस्य (एसीएम) के रूप में सक्रिय थी, जिस पर राज्य में 5 लाख रूपये, मध्यप्रदेश राज्य में 3 लाख रूपये एवं महाराष्ट्र राज्य में 5 लाख रूपये का ईनाम घोषित है। आत्मसमर्पित महिला नक्सली के ऊपर कुल-13 लाख रूपये का ईनाम घोषित है। उक्त आत्मसमर्पित महिला नक्सली के खिलाफ मध्यप्रदेश के बालाघाट जिला में कुल-19 अपराध दर्ज है, छत्तीसगढ़ के केसीजी जिला में कुल-03 अपराध पंजीबद्ध है।
वर्तमान में आत्मसमर्पित नक्सली दिवाकर उर्फ किशन उर्फ लिबरू कोर्राम एवं मंगलू बेको उर्फ तीजू जिला पुलिस कबीरधाम के साथ जिले के अंदरूनी नक्सल संवदेनशील क्षेत्रों में जिला पुलिस बल/ डीआरजी के साथ नक्सल अभियानों तथा नक्सल आसूचना संकलन का कार्य निरंतर कर रहा है। छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति के माध्यम से प्रोत्साहित कर 8 लाख का ईनामी माओवादी बोड़ला-एरिया कमेटी डीव्हीसी/कमाण्डर करण उर्फ सुद्धु हेमला, साकिन ग्राम काकेकोरम, थाना गंगालूर जिला बीजापुर तथा उनकी पत्नि 5 लाख का ईनामी महिला नक्सली सदस्य अनिता हेमला को दिनांक-14.03.2022 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय कबीरधाम में आत्मसमर्पण कराने में सराहनीय कार्य किया गया है। कबीरधाम में पुलिस-नक्सल मुठभेड़ में घनडबरा, धूमाछापर, सुरूतिया एवं बकोदा मुठभेड़ में नक्सली के रूप में शामिल था।
आत्मसमर्पित नक्सली दिवाकर उर्फ किशन उर्फ लिबरू कोर्राम एवं मंगलू बेको उर्फ तीजू के द्वारा माओवादियों के संबंध में सूचना संकलन, नक्सल विरोधी अभियानों में सर्चिंग टीमों के साथ नक्सल गस्त सर्चिंग करने के साथ-साथ जिले के नक्सल संवेदनशील क्षेत्रों में तथा विधानसभा/ लोकसभा चुनाव एवं विभिन्न व्हीआईपी आगमन के दौरान सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्पॉटर/वॉचर ड्युटी का भी निर्वहन किया जा रहा है। साथ ही सीमावर्ती जिलों में घटित नक्सल मुठभेड़ों में मारे गये नक्सलियों की पहचान/शिनाख्त इनके द्वारा किया गया है तथा सीमावर्ती जिलों में नक्सल अभियानों के लिये इनकी सहयोग ली जाती है। दिनांक-24.10.2023 को आत्मसमर्पित नक्सली मंगलू उर्फ तीजू बेको के निशानदेही पर तेलीटोला, कन्हारी, घानीखूंटा के जंगल में डम्प निकाला गया है।
आत्मसमर्पित नक्सली दिवाकर उर्फ किशन उर्फ लिबरू कोर्राम एवं मंगलू बेको उर्फ तीजू के निशानदेही पर जिले में सीमावर्ती संवेदनशील क्षेत्रों में 09 नवीन फारवर्ड कैम्प थाना तरेगांव अंतर्गत कैम्प धनवाही, थाना चिल्पी अंतर्गत कैम्प कबीरपथरा, माराडबरा, बेंदा, कुण्डपानी, थाना झलमला अंतर्गत कैम्प खिलाही, कुमान, थाना रेंगाखार अंतर्गत पण्डरीपानी, कोयलारझोरी में कैम्प खोले गये है।
कबीरधाम पुलिस द्वारा आत्मसमर्पित नक्सली दिवाकर उर्फ किशन उर्फ लिबरू कोर्राम एवं मंगलू बेको उर्फ तीजू को लगातार शिक्षा के तरफ प्रेरित कर ओपन परीक्षा 10वीं की परीक्षा दिलाया गया एवं इन्हें आवश्यक शिक्षण सामग्री प्रदान की गई, जिसमें दिवाकर उर्फ किशन उर्फ लिबरू कोर्राम एवं उसकी पत्नि 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर लिये एवं मंगलू उर्फ तीजू 10वीं में पूरक प्राप्त हुआ। दिवाकर उर्फ किशन उर्फ लिबरू कोर्राम छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर दिवाकर उर्फ किशन उर्फ लिबरू कोर्राम एवं मंगलू बेको उर्फ तीजू को पुलिस विभाग में दिनांक 16.08.2024 से आरक्षक के पद पर नियुक्ति प्रदान किया गया है। दिवाकर उर्फ किशन उर्फ लिबरू कोर्राम एवं मंगलू बेको उर्फ तीजू की यात्रा इस बात का जीता-जागता हुआ उदाहरण है, कि शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति योजना न केवल प्रभावी है बल्कि उन लोगों के लिये आशा की किरण जो इनसे बाहर निकलना चाहते है। जो लोग नक्सलवाद से जुड़े है उनके लिये भी शांति, सुरक्षा एवं सम्मानजनक जीवन का मार्ग खुला हुआ है।