मुख्यमंत्री ने भोरमदेव मंदिर में भोलनाथ का अभिषेक कर प्रदेशवासियों के सुख समृद्धि की कामना की
कवर्धा। प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ के प्राचीन, पुरातात्विक, धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के स्थल बाबा भोरमदेव मंदिर में पवित्र सावन मास में सैकड़ों किलो मीटर पदयात्रा कर जलाभिषेक करने आने वाले हजारों कावड़ियों पर सावन के तीसरे सोमवार को हैलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत अभिनंदन किया।
मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी कावड़ियों का स्वागत अभिनंदन किया। भोरमदेव में कावडियो और श्रद्धालुओं के बोल बम, हर-हर महादेव के नारे से भगवान शिव का दरबार गूंज उठा। भोरमदेव मंदिर स्थलों और मार्गों पर भगवा वस्त्रों में रंगा हुआ कांवरियों का जत्था मनमोहक दृश्य शिव भक्तों से रमा हुआ था। छत्तीसगढ़ राज्य में यह पहली बार हुआ है की प्रदेश के मुखिया कावडियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा किए।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शिव भक्त कावड़ियो और श्रद्धालुओं से कहा कि आज बड़े सौभाग्य की बात है सावन के तीसरे सोमवार को भोरमदेव में भगवान भोलेनाथ का दर्शन करने आए है। यहां पहुंचकर मैं भगवान भोलेनाथ से प्रदेश के सभी लोगो की सुख शांति समृद्धि के लिए कामना किया हूं। हेलीकॉप्टर से भोरमदेव मंदिर में पुष्पवर्षा भी किए है। उन्होंने सावन मास के लिए सभी भक्तजनों को शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के साथ भोरमदेव बाबा भगवान शिव जी का दर्शन कर मंत्रोच्चारण के साथ विशेष पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक किया तथा प्रदेश की समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की और आशीर्वाद लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भोरमदेव मंदिर परिसर में कावड़ियों और श्रद्धालुओं को प्रसाद का भी वितरण किया।
ज्ञात हो कि कवर्धा से 18 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम चौरा में 11वी शताब्दी का प्राचीन, ऐतिहासिक और पुरातत्व महत्व का स्थल बाबा भोरमदेव का मंदिर है। इस मंदिर में भगवान शिव जी विराजित है। भगवान शिव देवों के देव महादेव में जल अभिषेक की परम्परा सदियों चली आ रही है। हर वर्ष श्रावण माह में कांवरियों द्वारा पदयात्रा कर शिव मंदिरों में जल चढ़ाया जाता है, जिसे कांवड़ यात्रा कहा जाता है।
सावन के इस पवित्र माह में कबीरधाम, पड़ोसी जिला मुंगेली, बेमेतरा, खैरागढ़, राजनांदगांव सहित मध्यप्रदेश के अमरकंटक से कावड़िया पदयात्रा कर छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक, पुरातात्त्विक, धार्मिक एवं पर्यटन महत्व स्थल कबीरधाम जिले बाबा भोरमदेव मंदिर, बूढ़ा महादेव मंदिर और डोंगरिया के प्राचीन जालेश्वर शिवलिंग में जलाभिषेक करने हजारो की संख्या में आते है। पवित्र सावन माह में शिवभक्तों द्वारा अमरकंटक से भोरमदेव मंदिर तक की 150 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा कर जलाभिषेक किया जा रहा है।