दूसरी गेंद का नियम पहली बार आईपीएल में हुआ इस्तेमाल, उपयोग करने वाली पहली टीम बनी राजस्थान

बारासपारा मैदान की पिच पर गेंद रूक कर आ रही थी और पहले बल्लेबाजी का न्योता मिलने के बाद राजस्थान के बल्लेबाज अपने घरेलू मैदान पर सामंजस्य बैठाने के लिए संघर्ष करते दिखे। रियान पराग की कप्तानी में यह राजस्थान की लगातार दूसरी हार रही…

 

 

गुवाहाटी (ए)। आईपीएल 2025 में राजस्थान रॉयल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच 26 मार्च को गुवाहाटी में खेले गए मैच में पहली बार दूसरी गेंद का नियम देखने को मिला। कार्यवाहक कप्तान रियान पराग के मार्गदर्शन में राजस्थान रॉयल्स ने केकेआर की पारी के 17वें ओवर में गेंद बदलने का अनुरोध किया, लेकिन यह मैच का पासा पलटने के लिए काफी नहीं था। नए नियम का इस्तेमाल करने के बावजूद राजस्थान रॉयल्स को केकेआर के खिलाफ आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा। यह उनकी लगातार दूसरी हार रही। क्विंटन डिकॉक की 61 गेंदों पर नाबाद 97 रनों की शानदार पारी की बदौलत कोलकाता ने इस सीजन में अपनी पहली जीत दर्ज की।

क्या है दूसरी गेंद का नियम?
शाम को खेले जाने वाले मैचों में अगर अंपायरों को लगता है कि ओस खेल पर अपना प्रभाव डाल रही है तो वह दूसरी पारी के 11वें ओवर से नई गेंद का इस्तेमाल करने की अनुमति दे सकते हैं। शाम को होने वाले मैचों पर यह नियम लागू होगा। दोपहर में होने वाले मैचों पर यह नियम लागू नहीं होगा। इससे हाईस्कोरिंग मैचों को बनाए रखने में मदद मिलेगी। ताकि दोनों पारी में खेल संतुलित रहे और चेज करने वाली टीम को ओस की मदद न मिले। अक्सर शाम के मैचों में ओस का प्रभाव देखते हुए टॉस जीतने पर टीमें पहले गेंदबाजी का फैसला करती दिखती हैं। इससे अब खेल बैलेंस्ड होगा।
मैच में क्या हुआ?
क्विंटन डिकॉक ने मुश्किल विकेट पर नाबाद 97 रन की पारी खेलकर कोलकाता नाइट राइडर्स को राजस्थान रॉयल्स पर आठ विकेट से शानदार जीत दिलाई। राजस्थान की टीम ने पहले बल्लेबाजी की नौ विकेट पर 151 रन ही बना सकी। वरुण चक्रवर्ती (17 रन पर दो विकेट) और मोईन अली (23 रन पर दो विकेट) की अगुआई में केकेआर के गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया।
इसके बाद डिकॉक की पारी की बदौलत केकेआर ने 17.3 ओवर में दो विकेट गंवाकर लक्ष्य हासिल कर लिया। केकेआर ने मोईन अली (पांच) और कप्तान अजिंक्य रहाणे (18) का विकेट जल्दी गंवा दिया, लेकिन डिकॉक ने एक छोर को मजबूती से संभाले रखा और उन्हें युवा अंगकृष रघुवंशी 22 (17 गेंद) के रूप में अच्छा साथी मिला। दोनों की 44 गेंद में 83 रन की अटूट साझेदारी से गत चैंपियन टीम ने आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया।

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