आईपीएस ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह होंगे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के नए अधिकारी, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

IPS अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह को सीआरपीएफ का नया डीजी नियुक्त किया गया है. उनके असोसिएट्स से कन्वेंशन का नेतृत्व मिला हुआ है। उनके अनुभव और कुशल नेतृत्व क्षमता से नई ऊर्जा क्षेत्र में चलाए जा रहे अभियानों के खिलाफ बल को प्रशिक्षित और प्रशिक्षित किया जा सकता है…
नई दिल्ली (ए)। केंद्र सरकार ने ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह को रिजर्व सेंट्रल पुलिस बल का नया नियुक्त किया है। यह निर्णय शनिवार देर रात को सचिवालय समिति की मंजूरी के बाद लिया गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी बैठक के बाद कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किया।
आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि, “एसीसी ने असम कैडर के 1991 के बैच के अपराधी अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह को काडर की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।”
ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह वर्तमान में असम पुलिस के प्रमुख के रूप में उपकरण थे। अब उन्हें वसीयत का नेतृत्व सौंपा गया है। वह 31 जनवरी 2027 तक इस पद पर रहेंगे। इससे पहले सिंह ने विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जैसे एजेंसी और महत्वपूर्ण व्यक्तियों पर आधारित सेवाएं दी हैं। असम पुलिस में भी उन्होंने कई वरिष्ठ अधिकारियों पर काम किया और अपने पद के दौरान कई अहम उपलब्धियां हासिल कीं।
भारत का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है, जिसमें करीब 3 लाख युवा शामिल हैं। बल का मुख्य काम देश के अंदर उग्रवाद, उग्रवाद, और बौद्धवाद से होना चाहिए। यह जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद विरोधी अभियानों, उत्तर-पूर्व में उग्रवाद नियंत्रण, और उग्रवाद से प्रभावित राज्य में उग्रवाद के अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
आने वाले साल के लिए बेहद अहम हैं. केंद्र सरकार ने 2026 तक छत्तीसगढ़ में गणतंत्र दिवस पर पूरी तरह से सफ़ाई करने का लक्ष्य रखा है। इस समय छत्तीसगढ़ में 40,000 से अधिक युवा आस्तिक हैं, जो इस मिशन को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
पिछले महीने, सेंट्रल मिनिस्ट्री ने 1993 के बैचलर अधिकारी वितुल कुमार को बिल्डरों के अतिरिक्त प्रावधान दिए थे। 31 दिसंबर 2023 को फ़ोर्ट डीजे अनिश फ़्लोरिडा सिंह को छोड़ दिया गया था। अब भाजपा सिंह के मठाधीश के बाद बल को स्थायी नेतृत्व मिल गया है।
ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह को उनकी मूल विचारधारा और विचारधारा के लिए जाना जाता है। असम कैडर के वैधानिक अधिकारी के रूप में उन्होंने असम पुलिस को नए सिरे से नियुक्त किया। एसपीजी और एनआईए जैसे अधिकारियों ने अपने अनुभव में उन्हें सुरक्षा और सैन्य विरोधी अभियानों में विशेषज्ञता दी।



