पीएम मोदी ने 18वें प्रवासी भारतीय दिवस समारोह का किया उद्घाटन, कहा- जहां भी भारतीय जाते हैं वहां की परंपराओं और नियमों का सम्मान करते हैं

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई। यह ट्रेन भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराएगी। इस सम्मेलन में 70 देशों से 3000 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं…

 

भुवनेश्वर (ए)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ओडिशा के भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस समारोह के तहत एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इससे पहले पीएम मोदी ने भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस नामक विशेष पर्यटक ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह ट्रेन विशेष रूप से भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए समर्पित है।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में भारत की तेज प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “21वीं सदी का भारत अभूतपूर्व गति और पैमाने पर प्रगति कर रहा है। आने वाले दशकों में भारत दुनिया के लिए सबसे युवा और कुशल जनसंख्या वाला देश बना रहेगा। भारत वैश्विक कौशल की मांग को पूरा करने में सक्षम है।”

प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रवासी समुदाय की सराहना करते हुए कहा, “मुझे आप सभी से मिलकर खुशी होती है। आपसे मिले प्यार और आशीर्वाद को मैं कभी नहीं भूलता। दुनिया के विभिन्न देशों के नेता भारतीय प्रवासी समुदाय की प्रशंसा करते हैं। इसका बड़ा कारण आपके सामाजिक मूल्य हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा और कल्याण भारत सरकार की प्राथमिकता है। “हम इसे अपनी जिम्मेदारी मानते हैं कि संकट के समय में हम अपने प्रवासी नागरिकों की मदद करें, चाहे वे दुनिया के किसी भी कोने में हों।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय हर जगह आसानी से जुड़ जाते हैं। हमें विविधता सीखनी नहीं पड़ती, क्योंकि यह हमारे जीवन का हिस्सा है। जहां भी भारतीय जाते हैं, वहां की परंपराओं और नियमों का सम्मान करते हैं।  उस देश की सेवा करते हैं और उसकी प्रगति में योगदान देते हैं। इसके बावजूद उनके दिल में भारत हमेशा धड़कता रहता है। भारतीय हर खुशी और उत्सव में भारत से जुड़े रहते हैं। 21वीं सदी का भारत अभूतपूर्व गति से विकास कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि मेड इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत पिछले 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। चंद्रयान मिशन की सफलता पर उन्होंने गर्व जताया। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया की ताकत और नवीकरणीय ऊर्जा, बुलेट ट्रेन और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में प्रगति देखकर दुनिया हैरान है।

आज भारत की बात पूरी दुनिया ध्यान से सुनती है
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत की बात पूरी दुनिया ध्यान से सुनती है। भारत न केवल अपनी बात मजबूती से रखता है, बल्कि ग्लोबल साउथ की आवाज भी उठाता है। उन्होंने बताया कि भारतीय पेशेवर बड़े वैश्विक मंचों पर योगदान दे रहे हैं। उन्होंने प्रवासी भारतीय सम्मान पाने वालों को शुभकामनाएं दीं। पीएम ने कहा कि आने वाले दशकों में भारत युवा और स्किल्ड पॉप्युलेशन के मामले में दुनिया का नेतृत्व करेगा।

सम्राट अशोक ने ओडिशा में ही शांति का रास्ता चुना
प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी की 1915 में भारत वापसी का जिक्र किया और बताया कि उनकी वापसी ने देश को नई ऊर्जा दी। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशती का भी जिक्र किया। ओडिशा की समृद्ध विरासत की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि यहां की हर जगह भारत की धरोहर का प्रतीक है। धौली शांति का प्रतीक है, जहां सम्राट अशोक ने शांति का रास्ता चुना। उन्होंने कहा कि यह वही ताकत है, जो भारत को कहने का हौसला देती है कि भविष्य युद्ध में नहीं, बुद्ध में है।

बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय शामिल हो रहे
इस साल सम्मेलन का विषय ‘विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान’ है। त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू ने वर्चुअली कार्यक्रम को संबोधित किया। सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रवासी भारतीयों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। मुख्य रूप से केरल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के मूल निवासी इसमें भाग लेने के लिए पंजीकरण करवा रहे हैं। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के भारतीय प्रवासियों ने भी इस आयोजन में गहरी रुचि दिखाई है।

चार प्रदर्शनियों का उद्घाटन
सम्मेलन में चार प्रदर्शनियों का उद्घाटन किया गया। इनमें रामायण की विरासत, प्रौद्योगिकी में प्रवासियों का योगदान, मांडवी से मस्कट तक का भारतीय प्रवास, और ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने इन प्रदर्शनों का महत्व बताते हुए प्रवासियों के योगदान को सराहा। 10 जनवरी को समापन सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान करेंगी।

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