हार्ट अटैक-स्ट्रोक का प्रमुख कारण है थ्रोम्बोसिस, लंबे समय तक बैठने वालों में खतरा अधिक
हर साल 13 अक्तूबर को विश्व थ्रोम्बोसिस दिवस (World Thrombosis Day) मनाया जाता है…
नईदिल्ली (ए)। शरीर स्वस्थ रहे, इसके लिए जरूरी है कि सभी अंगों तक खून का संचार निरंतर होता रहे। हालांकि ब्लड क्लॉटिंग जैसे स्थितियां इस क्रिया में बाधा पहुंचा सकती है। थ्रोम्बोसिस ऐसी ही एक गंभीर समस्या है जिसमें आपकी रक्त वाहिकाओं या हृदय में रक्त के थक्के बनने लगते हैं। इसके कारण रक्त प्रवाह अवरुद्ध हो सकता है। इस स्थिति में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है। थ्रोम्बोसिस आपकी रक्त वाहिकाओं या आपके हृदय के चैंबर के अंदर रक्त का थक्का (थ्रोम्बस) बना सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे गंभीर स्थिति मानते हैं। वैश्विक स्तर पर बढ़ती इस समस्या को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 13 अक्तूबर को विश्व थ्रोम्बोसिस दिवस (World Thrombosis Day) मनाया जाता है। विशेषज्ञ कहते हैं, ये ऐसी स्थिति है जिसे अक्सर कम करके आंका जाता है हालांकि इसके दुष्प्रभाव काफी गंभीर हो सकते हैं।
आइए जानते हैं कि आखिर थ्रोम्बोसिस होता क्यों है और इससे बचाव के लिए क्या किया जा सकता है?
थ्रोम्बोसिस के बारे में जानिए
थ्रोम्बोसिस की स्थिति में थक्के आपकी रक्त वाहिकाओं में रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकते हैं। कुछ स्थितियों में ये आपके शरीर में कहीं और जा सकते हैं। यदि कोई थक्का आपके फेफड़ों या मस्तिष्क जैसे महत्वपूर्ण स्थान पर फंस जाता है, तो यह उस अंग में भी रक्त के प्रवाह को बाधित कर सकता है। इस तरह की स्थितियां जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।
कई प्रकार की चिकित्सा स्थितियों या अन्य कारकों के कारण थ्रोम्बोसिस होने का खतरा अधिक होता है। अपने जोखिम को जानना और उससे बचाव करना बहुत आवश्यक है।
थ्रोम्बोसिस के कारण हो सकता है हार्ट अटैक
थ्रोम्बोसिस एक गंभीर स्थिति है और समय बीतने के साथ यह अधिक खतरनाक हो सकती है। रक्त का थक्का किस स्थान पर है और इसके किधर जाने का जोखिम है, इस आधार पर थ्रोम्बोसिस कई अलग-अलग जटिलताओं का कारण बन सकता है। यदि थक्के फेफड़े में हैं तो इससे पल्मोनरी एम्बोलिज्म, मस्तिष्क में हैं तो स्ट्रोक, हृदय (कोरोनरी आर्टरी) में हैं तो दिल का दौरा हो सकता है।
धमनियां आपके हृदय से रक्त को शरीर के बाकी हिस्सों में ले जाती हैं। ऐसे में जब धमनी में रक्त का थक्का बन जाता है तो इसके कारण दिल के दौरे और स्ट्रोक होने का जोखिम रहता है। वहीं नसों में बनने वाले थक्के के कारण पल्मोनरी एम्बोलिज्म हो सकता है।
थ्रोम्बोसिस क्यों होता है?
थ्रोम्बोसिस आम समस्या है, दुनियाभर में हर चार में से एक मौत का ये प्रमुख कारण है। कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार जैसे एट्रियल फिब्रिलेशन,कैंसर, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, मधुमेह वाले लोगों में थ्रोम्बोसिस होने का जोखिम अधिक होता है। तम्बाकू-धूम्रपान भी आपके खतरे को बढ़ा देते हैं।
थ्रोम्बोसिस तब होता है जब कोई चीज आपकी रक्त वाहिका (एंडोथेलियम) की अंदुरूनी परत को नुकसान पहुंचाती है या रक्त प्रवाह को धीमा कर देती है। समय पर इसका पता लगना जरूरी है। खून को पतला करने वाली कुछ दवाओं से इसकी जटिलताओं को कम किया जा सकता है।
थ्रोम्बोसिस से बचाव के लिए क्या करें?
डॉक्टर कहते हैं, जब आपको पता हो कि आपमें थक्के बनने का जोखिम है, तो रोकथाम करना आसान होता है। अपने जोखिम के बारे में जानने का सबसे अच्छा तरीका सालाना शारीरिक जांच करवाना। ब्लड थिनर, कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने वाली दवाएं इसमें मददगार मानी जाती हैं।
आहार और व्यायाम से अपना वजन नियंत्रित करना जरूरी है, मोटापाग्रस्त लोगों में थ्रोम्बोसिस का जोखिम अधिक देखा जाता है। इसके लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें। लंबे समय तक बैठे रहने से भी थ्रोम्बोसिस का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपकी नौकरी लंबे समय तक बैठे या खड़े रहने वाली है, तो छोटे-छोटे ब्रेक जरूर लें। इसके अलावा थ्रोम्बोसिस से बचाव के लिए धूम्रपान से दूरी बनाना सबसे जरूरी है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।