सरकार ने पिछले 10 वर्षों में ‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ का मंत्र अपनाया है, जिसके कारण अब दुनिया भारत के सामरिक महत्व को मान रही है: पीएम मोदी

नाइजीरिया, ब्राजील और गुयाना के पांच दिवसीय दौरे से लौटे पीएम मोदी ने आज एक वीडियो संदेश के माध्यम से ग्लोबल समिट को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में ‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ का मंत्र अपनाया है, जिसके कारण अब दुनिया भारत के सामरिक महत्व को मान रही है…

 

नईदिल्ली (ए)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में ‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ का मंत्र अपनाया है, जिसके कारण अब दुनिया भारत के सामरिक महत्व को मान रही है। जर्मनी के स्टटगार्ट में आयोजित एक ग्लोबल समिट में वीडियो संबोधन में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने एक प्रगतिशील और स्थिर नीति-निर्धारण की व्यवस्था बनाई। लालफीताशाही को खत्म किया, और जीएसटी जैसी कुशल कर प्रणाली को पेश किया, जिससे देश को तेजी से विकास की दिशा में बढ़ने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि इस समय एक मजबूत नींव रखी गई है, जिस पर भारत का भविष्य बन रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मनी को भारत का भरोसेमंद साझेदार बताया और कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत-जर्मनी संबंध मजबूत हुए हैं। उन्होंने बताया कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है और दुनिया का हर देश विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का ‘फोकस ऑन इंडिया’ दस्तावेज इसका एक उदाहरण है। यह दस्तावेज दिखाता है कि दुनिया भारत के रणनीतिक महत्व को कैसे स्वीकार कर रही है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि दुनिया की सोच में बदलाव के पीछे पिछले 10 वर्षों का ‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ मंत्र रहा है। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में नई नीतियां बनाई गई हैं। हमने लालफीताशाही खत्म की और व्यापार करने में आसानी की सुविधा प्रदान की। उन्होंने कहा कि भारत ने बैंकों को मजबूत किया ताकि विकास के लिए समय पर पूंजी उपलब्ध कराई जा सके। जटिल कर प्रणाली को सरल बनाया गया।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि किसी भी देश के तेज विकास के लिए भौतिक, सामाजिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश जरूरी है, और भारत में यह काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने जर्मनी से भारत के विकास में सहयोग और निवेश बढ़ाने की अपील की।
पीएम मोदी ने कहा कि जर्मनी में तीन लाख भारतीय रहते हैं और 50,000 भारतीय देश में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों का सबसे बड़ा समूह हैं। उन्होंने कहा कि 1,800 से अधिक जर्मन कंपनियां भारत में काम कर रही हैं और उन्होंने पिछले तीन-चार वर्षों में 15 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है। द्विपक्षीय व्यापार करीब 34 अरब अमेरिकी डॉलर का है और भविष्य में इसमें बढ़ोतरी होगी।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत-जर्मन रणनीतिक साझेदारी ने इस साल 25 साल पूरे कर लिए हैं, उन्होंने कहा कि जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज हाल ही में भारत की अपनी तीसरी यात्रा पर थे, जो उनके गहरे संबंधों को उजागर करता है। जर्मनी ने हाल ही में भारत को ध्यान में रखकर अपनी पहली देश-विशिष्ट रणनीति पेश की है।
उन्होंने भारत के विनिर्माण क्षेत्र की तरफ इशारा करते हुए कहा कि भारत मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक और वाहनों के उत्पादन में अग्रणी बन चुका है, और यह सब सरकार की बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करने के कारण संभव हुआ है।

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