व्यवहार न्यायालय भिलाई-3 में 270 मामलों का हुआ निराकरण, 25 लाख रुपए से अधिक की राशि की गई वसूली
भिलाई 03। दिनांक 14.12.2024 को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में नेशनल लोक अदालत का छत्तीसगढ राज्य में आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत जिला एवं सत्र न्यायालय, दुर्ग के तालुका न्यायालय, व्यवहार न्यायालय, भिलाई-3 जिला दुर्ग (छग) में नेशनल लोक अदालत में कुल राजीनामा योग्य मामलों में से 65, चेक बाउंस के मामले 06, मोटर यान अधिनियम एवं आबकारी अधिनियम, कोलाहल अधिनियम, छ.ग. जुआ प्रतिषेध अधिनियम के कुल 270 मामलों का निराकरण किया एवं प्रीलिटिगेशन बैंक एवं अन्य प्रीलिटिगेशन भी नेशनल लोक अदालत में रखे गए थे जिनका निराकरण किया गया है साथ ही ₹ 25,10,000/- लगभग राशि वसूला गया।
व्यवहार न्यायालय भिलाई-3 में तालुका विधिक सेवा समिति के द्वारा न्यायालय परिसर में मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया जिसमें पक्षकारों का निःशुल्क मेडिकल जांच कर दवाइयों का वितरण किया गया एवं अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी के सौजन्य से राजीनामा करने वाले सभी पक्षकारों को नोटबुक वितरित की गई।
आपसी सौहार्द्र बनाए रखने का संदेश दिया गया साथ ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गरियाबंद जेल में बंद पीड़ित के मामले का शमन कराया गया एवं आंध्रप्रदेश से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पीड़ित से संपर्क कर उसकी सहमति प्राप्त कर मामले का शमन किया गया; वर्तमान परिप्रेक्ष्य में, उभयपक्षकार मामले का शमन नेशनल लोक अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कहीं से भी जुड़कर अपने मामले का निराकरण करा सकते हैं।
लोक अदालत के दौरान वकील कमलेश साहू, मनोज मित्रा, कुसुम शाह, नीतू दावत, हेमनंदिनी सिन्हा, चितेश्वरी दिल्लीवार, विनोद डहरिया, सोमनाथ ठाकुर, सुधीर यादव, रवि रंगारी, त्रिलोक साहू, एएसआई हीरामन रामटेके आदि मौजूद रहे।
आंधप्रदेश में उपस्थित प्रार्थी के द्वारा विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आपराधिक मामले में किया गया राजीनामा-
मामला तहसील व्यवहार न्यायालय भिलाई-03 के खंडपीठ कमांक 01 के पीठासीन अधिकारी अमिता जायसवाल, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, भिलाई-03 के न्यायालय का है, जिसमें जितेन्द्र महानंद के द्वारा धारा- 294, 323, 506 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत अभियुक्त दिनेश दुर्गा के विरूद्ध प्रथम सूचना दर्ज कराया गया था।
आहत प्रार्थी जितेन्द्र के आंध्रप्रदेश में होने के कारण आज दिनांक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जितेन्द्र महानंद की उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए माननीय न्यायालय द्वारा राजीनामा की समझाईश दी गई जिस पर उभयपक्षों के द्वारा राजीनामा के माध्यम से प्रकरण को समाप्त किया गया। उभयपक्षों द्वारा मामला विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से समाप्त होने पर माननीय न्यायालय का आभार व्यक्त किया गया। जिससे राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की मंशा न्याय आपके द्वार पूर्ण हुई।
इसी खंडपीठ के एक अन्य मामले में आहत दिलीप भारती, अंजनी भारती व शिवम भारती के द्वारा सत्या भारती के विरूद्ध धारा- 294, 323, 506 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया गया था। प्रकरण में दिलीप भारती, अंजनी भारती के द्वारा प्रकरण का शमन कर लिया गया था। प्रकरण में विचारण शिवम भारती के लिए अभियुक्तगण का हो रहा था।
शिवम भारती गरियाबंद जेल में निरूद्ध है। विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिवम भारती की उपस्थिति सुनिश्चित की गई उसे राजीनामा के महत्व की जानकारी दी गई तब उसके द्वारा राजीनामा किये जाने की सहमति दी गई जिसके आधार पर प्रकरण का नेशनल लोक अदालत में निराकरण किया गया।