मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी ने बनाया रिकॉर्ड, 100 करोड़ के पार पहुंचा आंकड़ा

भारत में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सर्विस ने एक बड़ा रिकॉर्ड बना लिया है. टेलीकॉम रेगुलैरिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की. ट्राई ने बताया कि 6 जुलाई, 2024 तक मोबाइल पोर्टेबिलिटी की संख्या 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है…

 

नईदिल्ली (ए)। भारत में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सर्विस ने एक बड़ा रिकॉर्ड बना लिया है. टेलीकॉम रेगुलैरिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की. ट्राई ने बताया कि 6 जुलाई, 2024 तक मोबाइल पोर्टेबिलिटी की संख्या 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है. आपको बता दें कि ट्राई ने ये सर्विस 20 जनवरी 2011 को शुरू की थी. मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सर्विस को शुरू हुए तेरह साल का समय बीत चुका है।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने एक बयान में कहा कि “भारत में जनवरी 2011 से 6 जुलाई, 2024 तक देश में संसाधित पोर्टिंग अनुरोधों की संख्या 100 करोड़ को पार कर गई।”

मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) सर्विस में उपभोक्ता अपने मोबाइल नंबर को बदले बिना सर्विस प्रोवाइडर यानी कि नेटवर्क प्रदान करने वाली कंपनी को बदल सकता है. बिना अपने मोबाइल बदले एक टेलीकॉम कंपनी से दूसरी टेलीकॉम कंपनी स्विच करने को पोर्ट कराना कहते हैं।

जैसे कि Jio इस्तेमाल करने वाला यूजर BSNL में अपना नंबर पोर्ट करा ले या BSNL का सिम चलाने वाला यूजर Airtel में अपना नंबर बदलवा ले. इसमें यूजर का नंबर वही रहता है बस उसका नेटवर्क बदल जाता है।

कोई भी व्यक्ति जो अपने कमजोर नेटवर्क से परेशान है या किसी दूसरी टेलीकॉम कंपनी में स्विच करना चाहता है और नया सिम नहीं लेना चाहता या अपना नंबर नहीं बदलवाना चाहता तो इस सर्विस का लाभ उठा सकता है. वह अपना नंबर बदले आसानी से दूसरे नेटवर्क पर स्विच कर सकता है. ये सर्विस खासकर उन उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद रही है जो बेहतर सुविधाओं की तलाश में रहते हैं. ये आंकड़ा जागरूकता बढ़ने का भी बड़ा संकेत है।

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