‘मन की बात’ के 113वें एपिसोड में पीएम मोदी ने कहा- ‘हर घर तिरंगा और पूरा देश तिरंगा’ इस बार ये अभियान अपनी पूरी ऊंचाई पर रहा
पीएम मोदी ने कहा कि हमने 19 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया। उसी दिन पूरी दुनिया में ‘विश्व संस्कृत दिवस’ भी मनाया गया। आज भी देश-विदेश में संस्कृत के प्रति लोगों का विशेष लगाव दिखता है। दुनिया के कई देशों में संस्कृत भाषा को लेकर तरह-तरह की रीसर्च और प्रयोग हो रहे हैं…
नईदिल्ली (ए)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सुबह 11 बजे अपने मासिक रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ के 113वें एपिसोड में विकसित भारत की नींव को मजबूत करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश के वैज्ञानिकों की मेहनत और चंद्रयान-3 की उपलब्धियों की वजह से हम सब लोगों ने 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में विभिन्न सुधारों से देश के युवाओं को बहुत लाभ हुआ है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत ने 23 अगस्त को अपना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया, जो चंद्रमा पर अपने अंतरिक्ष यान के सफल लैंडिंग की पहली वर्षगांठ के अवसर पर मनाया गया।
पीएम मोदी ने कहा कि इस साल मैंने लाल किले से बिना राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले एक लाख युवाओं को राजनीतिक व्यवस्था से जोड़ने का आह्वान किया है। मेरी इस बात पर जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई है। इससे पता चलता है कि कितनी बड़ी संख्या में हमारे युवा, राजनीति में आने को तैयार बैठे हैं। बस उन्हें सही मौके और सही मार्गदर्शन की तलाश है।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी समाज के हर क्षेत्र से ऐसे अनेकों लोग सामने आए थे, जिनकी कोई राजनीतिक पृष्टभूमि नहीं थी। उन्होनें खुद को भारत की आजादी के लिए झोंक दिया था। आज हमें विकसित भारत का लक्ष्य पाने के लिए एक बार फिर उसी भावना की जरूरत है। मैं अपने सभी युवा साथियों को कहूंगा कि इस अभियान से जरूर जुड़ें।
उन्होंने कहा कि बच्चों का पोषण देश की प्राथमिकता है। वैसे तो उनके पोषण पर पूरे साल हमारा ध्यान रहता है, लेकिन एक महीना देश इस पर विशेष फोकस करता है। इसके लिए हर साल 1 सितम्बर से 30 सितम्बर के बीच पोषण माह मनाया जाता है। पोषण को लेकर लोगों को जागरूक बनाने के लिए पोषण मेला, एनीमिया (anemia) शिविर, नवजात शिशुओं के घर की विजिट, सेमिनार, वेबिनार जैसे कई तरीके अपनाए जाते हैं। कितनी ही जगहों पर आंगनवाड़ी के तहत मां-बच्चा समिति की स्थापना भी की गई है। पिछले वर्ष पोषण अभियान को नई शिक्षा नीति से भी जोड़ा गया है। ‘पोषण भी पढ़ाई भी’ इस अभियान के द्वारा बच्चों के संतुलित विकास पर फोकस किया गया है। आपको भी अपने क्षेत्र में पोषण के प्रति जागरूकता वाले अभियान से जरूर जुड़ना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि ‘हर घर तिरंगा और पूरा देश तिरंगा’ इस बार ये अभियान अपनी पूरी ऊंचाई पर रहा। देश के कोने-कोने से इस अभियान से जुड़ी अद्भुत तस्वीरें सामने आई हैं। हमने घरों पर तिरंगा लहराते देखा। स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालयों में तिरंगा देखा। लोगों ने अपनी दुकानों, दफ्तरों में तिरंगा लगाया। लोगों ने अपने डेस्कटॉप, मोबाइल और गाड़ियों पर भी तिरंगा लगाया।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश के हर कोने जल-थल-नभ हर जगह हमारे झंडे के तीन रंग दिखाई दिए। हर घर तिरंगा वेबसाइट पर पांच करोड़ से ज्यादा सेल्फी भी पोस्ट की गई। इस अभियान ने पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया है और यही तो ‘एक भारत- श्रेष्ठ भारत’ है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के झाबुआ में, कुछ ऐसा शानदार हो रहा है, जिसे आपको जरूर जानना चाहिए। वहां पर हमारे सफाई-कर्मी भाई-बहनों ने कमाल कर दिया है। इन भाई-बहनों ने हमें ‘Waste to Wealth’ (अपशिष्ट से धन तक) का संदेश सच्चाई में बदलकर दिखाया है। इस टीम ने झाबुआ के एक पार्क में कचरे से अद्भुत कलाकृतियां तैयार की हैं। अपने इस काम के लिए उन्होंने आसपास के क्षेत्रों से प्लास्टिक अपशिष्ट, इस्तेमाल की हुई बोतलें, टायर्स और पाइप इकट्ठा किए। इन कलाकृतियों में हेलीकॉप्टर, कार और तोपें भी शामिल हैं। खूबसूरत हैंगिंग गुलदस्ते भी बनाए गए हैं। यहां इस्तेमाल किए गए टायरों का उपयोग आरामदायक बेंच बनाने के लिए किया गया है। सफाई कामगारों की इस टीम ने रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल का मंत्र अपनाया है।
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे देश में कई सारी स्टार्ट-अप्स टीम भी पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए ऐसे प्रयासों से जुड़ रही है। E-Conscious नाम की एक टीम है, जो प्लास्टिक अपशिष्ट का उपयोग पर्यावरण अनुकूल उत्पाद बनाने में कर रही है। इसका विचार उन्हें हमारे पर्यटन स्थलों, विशेषकर पहाड़ी इलाकों में फैले कचरे को देखकर के आया। ऐसे ही लोगों की एक और टीम ने Ecokaari नाम से स्टार्ट-अप शुरू किया है। ये प्लास्टिक अपशिष्ट से अलग-अलग खूबसूरत चीजें बनाते हैं। Toy Recycling ऐसा एक क्षेत्र है, जिसमें हम मिलकर काम कर सकते हैं। आप भी जानते हैं कि कई बच्चे कितनी जल्दी खिलौनों से ऊब हो जाते हैं। वहीं, ऐसे बच्चे भी हैं, जो उन्हीं खिलौनों का सपना संजोए होते हैं। ऐसे खिलौने जिससे अब आपके बच्चे नहीं खेलते, उन्हें आप ऐसी जगहों पर दे सकते हैं, जहां उनका उपयोग होता रहे। ये भी पर्यावरण की रक्षा का एक अच्छा रास्ता है।
मोदी ने कहा कि उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप चलाने वाले कई युवा उद्यमियों से बात की। मोदी ने उनके काम को रेखांकित किया और देश में बढ़ते जीवंत अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में पर्यावरण को बेहतर बनाने पर जोर दिया। उन्होंने विभिन्न संगठनों और लोगों के कामों को रेखांकित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में सामूहिक प्रयासों की वकालत करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि 21वीं सदी में भारत में बहुत सी ऐसी चीजें हो रही हैं जो ‘विकसित भारत’ की नींव को मजबूत कर रही हैं।
पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले एक लाख युवाओं से राजनीति में शामिल होने के उनके आह्वान पर व्यापक प्रतिक्रियाएं आई हैं। उन्होंने युवाओं से विकसित भारत और मजबूत लोकतंत्र के लिए सार्वजनिक जीवन में प्रवेश करने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में युवा राजनीति में शामिल होने के इच्छुक हैं और उन्हें बस सही अवसर और मार्गदर्शन की जरूरत है।
पीएम मोदी ने कहा कि ‘750 मीटर लंबे झंडे के साथ एक तिरंगा रैली निकाली गई। यह रैली दुनिया के सबसे ऊंचे चेनाब रेलवे ब्रिज पर निकाली गई। जिसने भी ये तस्वीरें देखीं, उनका दिल खुशी से झूम उठा।
उन्होंने कहा, “उन्होंने खुद को पूरी तरह से भारत की आजादी के लिए समर्पित कर दिया। आज, विकसित भारत के सपने को हासिल करने के लिए हमें उसी भावना को एक बार फिर से जगाने की जरूरत है।”
पीएम मोदी ने बताया ‘असम में एक सच्ची कहानी पता चली है। असम के तिनसुकिया जिले के एक छोटे से गांव बरेकुरी में मोरन समुदाय के लोग रहते हैं। इसी गांव में हूलॉक गिबन्स रहते हैं। उन्हें वहां ‘होलो बंदर’ कहा जाता है। हूलॉक गिबन्स ने इस गांव को अपना ठिकाना बना लिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गांव के लोगों का हूलॉक गिबन्स से गहरा नाता है। गांव के लोग आज भी अपने पारंपरिक मूल्यों का पालन करते हैं। इसलिए उन्होंने गिबन्स के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।