भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत, वैश्विक झटकों को झेलने में सक्षम : वित्त मंत्री सीतारमण

वित्त मंत्री ने कहा कि ‘युद्ध और रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता, सहयोग और संघर्ष को फिर से परिभाषित कर रही हैं। जो गठबंधन कभी मजबूत दिखते थे, उनके लिए परीक्षा का समय है और दुनिया में नए गठबंधन उभर रहे हैं…
नईदिल्ली (ए)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि ऐसे समय में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था बड़े बदलावों के दौर से गुजर रही है, ऐसे समय में भी भारत की स्थिति मजबूत है और भारतीय अर्थव्यवस्था इन बाहरी झटकों को झेलने में सक्षम है। वित्त मंत्री ने कहा कि दुनियाभर के देशों के सामने अनिश्चितता का माहौल है। देशों को इस अनिश्चितता के माहौल से भी निपटना है और साथ ही व्यापार, वित्त और ऊर्जा असंतुलन का भी सामना करना एक बड़ी चुनौती है।
सम्मेलन में ‘अशांत समय में समृद्धि की तलाश’ विषय पर सत्र को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ‘युद्ध और रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता, सहयोग और संघर्ष को फिर से परिभाषित कर रही हैं। जो गठबंधन कभी मजबूत दिखते थे, उनके लिए परीक्षा का समय है और दुनिया में नए गठबंधन उभर रहे हैं।’ वित्त मंत्री ने कहा कि हम जिस चीज का सामना कर रहे हैं, वह कोई अस्थायी बाधाएं नहीं हैं बल्कि हम वैश्विक अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक बदलाव होते देख रहे हैं।
निर्मला सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा कि ‘भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली है और लगातार बढ़ रही है। वर्षों से सकल घरेलू उत्पाद में उपभोग और निवेश की स्थिर हिस्सेदारी के साथ, भारत का विकास उसके घरेलू कारकों पर टिका हुआ है, जो बाहरी प्रभाव को कम करता है।’ सीतारमण ने कहा, ‘भारत का उदय न तो आकस्मिक है और न ही क्षणिक; बल्कि, यह कई कारकों के एक मजबूत संयोजन का परिणाम है।