पसीना आए या घूमने लगे सिर…सर्दी में इन 7 संकेतों को न करें इग्नोर

नसों के संकुचन और खराब लाइफस्टाइल की वजह से सर्दियों में हार्ट डिजीज का रिस्क काफी ज्यादा बढ़ जाता है.इस मौसम में प्रदूषण बढ़ने से इंफ्लामेशन और इन्फ्लूएंजा जैसे सीजनल इंफेक्शन का भी जोखिम बढ़ता है…
नईदिल्ली (ए)। सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, इसलिए इस मौसम में हार्ट की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. पहले से किसी हार्ट डिजीज से जूझ रहे लोगों के लिए चुनौतियां और भी ज्यादा गंभीर हो जाती हैं. दरअसल, ठंड में सिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिव हो जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट बढ़ जाता है. इसकी वजह से हार्ट फेलियर, स्ट्रोक और सडेन हार्ट डेथ जैसे खतरे बढ़ सकते हैं. ऐसे में कुछ लक्षणों को देखकर सावधान रहने की जरूरत है. जैसे ही ये लक्षण नजर आए तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए…
ठंड में नसें सिकुड़ सकती हैं, जो दिल पर ज्यादा प्रेशर डालती हैं. इससे एनजाइना ट्रिगर होने का खतरा रहता है. इसकी वजह से छाती में जकड़न महसूस हो सकती है. ऐसे में बांहों, गर्दन, जबड़े या पीठ तक फैल जाता है, तो ये हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।
सर्दियों में फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा हो जाता है, जिसकी वजह से लगातार खांसी हो सकती है. अगर खासी के साथ सफेद या गुलाबी ब्लड सहित कफ आने लगे तो इसका मतलब दिल सही तरह से खून को पंप नहीं कर पा रहा है. इस कंडीशन को पल्मोनरी कंजेशन भी कहते हैं. इसमें सांस की परेशानी और घरघराहट जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
ठंड में हार्ट रेट और पेरिफेरल रिजेस्टेंस बढ़ता है. इससे धड़कनें तेज होती है. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ साइंटिफिक रिसर्च में पब्लिश यूएसवी प्राइवेट लिमिटेड की स्टडी के अनुसार, दिल के 47.31% मरीजों की धड़कन 81-100 bpm पाई गई, उसमें से 15.19% मामलों में टैचीकार्डिया पाया गया।
सर्दी की वजह से अगर हार्ट सही तरह काम न करे तो पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है. इसकी वजह से पैरों और टखनों में सूजन आ सकता है. इसे एडिमा भी कहते हैं. यह हार्ट फेलियर का संकेत भी हो सकता है।
सर्दी के मौसम में पसीना निकलना भी खतरनाक हो सकता है. अगर बिना किसी काम किए ही पसीना निकल रहा है तो सावधान हो जाइए, क्योंकि यह हार्ट डिजीज का संकेत हो सकता है. ब्लॉक आर्टरी की वजह से दिल को खून पंप करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिसकी वजह से पसीना आने लगता है।
सीढ़ियां चढ़ने, तेल चलने या भारी सामान उठाने पर अगर सांस तेज चल रही है या सांस लेने में कठिनाई हो रही है तो इसे हल्के में न लें, क्योंकि ये हार्ट में किसी परेशानी के संकेत हो सकते हैं. इसके लक्षण सर्दियों में बढ़ जाते हैं।
असामान्य हार्ट फंक्शन की वजह से ब्लड प्रेशर हाई और दिमाग में ब्लड फ्लो कम हो जाता है. जिसकी वजह से चक्कर आना, सिर घूमना और बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ये कार्डियक एरिदमिया के संकेत भी हो सकते हैं।
नोट: आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।



