चीन ने बनाई दुनिया की सबसे ताकतवर मशीनगन ‘मेटल स्टॉर्म’, जानिए एक मिनट में इतने लाख गोलियां करती है फायर?

चीन की नई मशीनगन मेटल स्टॉर्म हर मिनट साढ़े  चार लाख गोलियां दाग सकती है। साथ ही इस मशीनगन के गोलियां दागने की स्पीड सामान्य मशीनगन की तुलना में भी बहुत ज्यादा है, जो इसे बेहद खतरनाक बनाती है…

 

नईदिल्ली (ए)। चीन ने दुनिया की सबसे ताकतवर मशीनगर बनाने में सफलता हासिल की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन की नई मशीनगन मेटल स्टॉर्म हर मिनट साढ़े  चार लाख गोलियां दाग सकती है। साथ ही इस मशीनगन के गोलियां दागने की स्पीड सामान्य मशीनगन की तुलना में भी बहुत ज्यादा है, जो इसे बेहद खतरनाक बनाती है।

गौरतलब है कि अभी तक दुनिया की सबसे खतरनाक मशीनगन अमेरिका की फालानक्स सिस्टम है, जो एक मिनट में साढ़े चार हजार गोलियां फायर कर सकती है। वहीं चीन की मशीनगन अमेरिका की मशीनगन से 100 गुना ज्यादा ताकतवर है, जो हर मिनट साढ़े चार लाख गोलियां दाग सकती है। दावा किया जा रहा है कि यह मशीनगन इतनी खतरनाक है कि इसकी मदद से हाइपरसोनिक मिसाइल को भी हवा में ही तबाह किया जा सकता है। इसकी गोलियों की स्पीड 9 हजार किलोमीटर प्रतिघंटे के करीब है। इस मशीनगन में एक बार में चार या पांच बैरल लगाए जा सकते हैं और हर बैरल साढ़े चार लाख राउंड गोलियां दाग सकता है।

इस मशीनगन में मैकेनिकल ट्रिगर नहीं दिया गया है क्योंकि उससे हर सेकेंड 7500 राउंड गोलियां दागना संभव नहीं है। इसके लिए चीनी वैज्ञानिकों ने कॉन्टेक्टलैस इलेक्ट्रॉनिक ट्रिगर बनाया। यह ट्रिगर गोलियों के मिश्र धातु के तार को पिघला देता है, जिससे उच्च-ऊर्जा जेट बनता है और उससे हर मिनट साढ़े चार लाख गोलियां दागी जा सकती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मशीनगन को और विकसित कर इससे हर मिनट साढ़े 22 लाख राउंड गोलियां तक दागी जा सकती हैं।

इस मशीनगन के प्रोजेक्ट का नेतृत्व नॉर्दन चाइना यूनिवर्सिटी के मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर लू शुताओ और उनकी टीम कर रही है। मेटल स्टॉर्म मशीनगन जिस कॉन्सेप्ट पर बनी है, उसकी खोज 90 के दशक में ऑस्ट्रेलियन शोधकर्ता माइक ओ डायर ने की थी। उस कॉन्सेप्ट के तहत मशीनगन में 36 बैरल सिस्टम लग सकते हैं और हर बैरल से 10 लाख गोलियां दागी जा सकती हैं।

चीन की सेना ने साल 2006 में उस तकनीक को हासिल करने के लिए 10 करोड़ डॉलर की पेशकश की थी, लेकिन अमेरिका ने पहले ही माइक ओ डायर से यह तकनीक हासिल कर ली। हालांकि तकनीकी कारणों से अमेरिका ने यह प्रोजेक्ट रोक दिया। वहीं चीन ने इस तकनीक पर काम जारी रखा और आखिरकार अमेरिकी मशीनगन से 100 गुना ताकतवर मशीनगन बनाने में सफलता हासिल की है। अब चीन का फोकस चिप और सेंसर वाली गोलियों की टेस्टिंग और सस्ती बैरल बनाने पर है।

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