आज रक्षाबंधन पर रहेगा भद्रा का साया, जानें भद्रा काल के बाद राखी बांधने का सही मुहूर्त
भद्रा काल में रक्षाबंधन मनाना अशुभ माना जाता है। इस कारण जब भी भद्रा काल पड़ता है तो बहनें शुभ मुहूर्त में ही राखी बांधती हैं…
नईदिल्ली (ए)। आज रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार मनाया जाएगा। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन भाई-बहन का ये खास पर्व मनाया जाता है। रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं और भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। अक्सर देखा जाता है कि राखी के त्योहार के दौरान भद्रा का साया पड़ता है, जिससे राखी बांधने का समय कम हो जाता है।
दरअसल, भद्रा काल में रक्षाबंधन मनाना अशुभ माना जाता है। इस कारण जब भी भद्रा काल पड़ता है तो बहनें शुभ मुहूर्त में ही राखी बांधती हैं। आइए जानते हैं कि आज भद्रा काल किस समय पडेगा। इसके साथ ही जानते हैं कि बहनें किस मुहूर्त में राखी बांध सकती हैं।
इस रक्षाबंधन पर है भद्रा का साया: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्राकाल को एक विशेष समय बताया गया है। इस दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है। भद्रा का समय विष्टीकरण कहलाता है। माना जाता है कि भद्राकाल के दौरान किए गए कार्य अशुभ होते हैं।
भद्राकाल
भद्राकाल – पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ के साथ भद्रा की शुरुआत
भद्राकाल की समाप्ति – 19 अगस्त 2024 को दोपहर 1:30 पर
भद्रा मुख – 19 अगस्त को प्रातः 10:53 से दोपहर 12:37 तक
भद्रा पूंछ – 19 अगस्त को प्रातः 09:51 से प्रातः 10:53 तक।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
भद्रा के कारण राखी बांधने का मुहूर्त दोपहर में नहीं है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:30 से रात्रि 09:07 तक रहेगा। कुल मिलाकर शुभ मुहूर्त 07 घंटे 37 मिनट का रहेगा।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त आरंभ – दोपहर 01:30 के बाद
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त समापन- रात्रि 09:07 तक।
राखी बांधने का सही तरीका
राखी बांधने के लिए सबसे पहले थाली में रोली, अक्षत, मिठाई और राखी रखें। अब सबसे पहले अपने भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधें। इस हाथ पर राखी बांधना एक शुभ शगुन माना जाता है। फिर उसे मिठाई खिलाएं। फिर अपने भाई के लिए आरती उतारें और उसकी सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें। इस दौरान भाइयों को अपनी बहनों के पैर छूने चाहिए।